चाणक्य का जन्म एक घोर निर्धन परिवार में हुआ था. अपने उग्र और गूढ़ स्वभाव के कारण वे ‘कौटिल्य’ भी कहलाये. उनका एक नाम संभवत: ‘विष्णुगुप्त’ भी था. चाणक्य ने उस समय के महान शिक्षा केंद्र ‘तक्षशिला’ में शिक्षा पाई थी. 14 वर्ष के अध्ययन के बाद 26 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी समाजशास्त्र, राजनीती और अर्थशास्त्र की शिक्षा पूर्ण की और नालंदा में उन्होंने शिक्षण कार्य भी किया. वे राजतंत्र के प्रबल समर्थक थे. उन्हें ‘भारत का मेकियावली’ के नाम से भी जाना जाता है.