झारखंड धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2017 के प्रारूप को 01 अगस्त 2017 को राज्य की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इसमें जबरन धर्मांतरण रोकने, दोषी को चार साल कैद या 50 हजार जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। प्रारूप विधेयक की धारा-3 में बलपूर्वक धर्मांतरण को गैरकानूनी बताया गया है। धारा 3 के उपबंध का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को 3 वर्ष तक कारावास या 50 हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों से तौर पर दंडित किया जा सकता है। यदि यह अपराध नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति के प्रति किया गया है, तो कारावास 4 वर्षों तक और जुर्माना एक लाख रुपये तक होगा।