सरकार ने स्टार्टअप की परिभाषा में कुछ मामूली बदलाव किए हैं। ‘स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान’ के तहत मिलने वाले फायदों के लिए अब सात साल तक पुराने कारोबार भी योग्य होंगे। पिछले साल घोषित की गई इस योजना के तहत मिलने वाले फायदे अब तक पांच साल तक पुरानी (गठित होने की तारीख) कंपनियों को ही मिलते थे। नयी परिभाषा के अनुसार अब ऐसी कंपनी को स्टार्टअप माना जाएगा जिसका कारोबार 25 करोड़ रुपये से कम हो और जो अपरिवर्तित रही हो और पंजीकरण की तारीख से लेकर अब तक सात वर्ष से अधिक पुरानी ना हो। हालांकि जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए यह समयावधि 10 वर्ष है।